Fadnavis on EV : अगर आप भी एक महंगी इलेक्ट्रिक कार खरीदने का सपना देख रहे हैं, तो जरा रुक जाइए! Maharashtra सरकार ने बजट 2025-26 में एक बड़ा फैसला लिया है, जिससे 30 लाख रुपये से ज्यादा कीमत की electric vehicles पर 6% टैक्स लगेगा। इससे हाई-एंड EVs खरीदने वालों की जेब पर असर पड़ सकता है। Deputy CM Ajit Pawar ने सोमवार को पेश किए गए बजट में इस नए टैक्स की घोषणा की, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये की अतिरिक्त कमाई होने की उम्मीद है।
Fadnavis on EV
EVs पर क्यों बढ़ा टैक्स?
Maharashtra सरकार ने यह फैसला राज्य की आर्थिक स्थिति को सुधारने और टैक्स कलेक्शन बढ़ाने के लिए लिया है। 30 लाख रुपये से ज्यादा की EVs पर 6% टैक्स लगाने के साथ ही CNG और LPG गाड़ियों पर भी 1% मोटर व्हीकल टैक्स बढ़ा दिया गया है। इससे सरकारी खजाने को लगभग 150 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई होने की संभावना है। Fadnavis on EV
बजट में और क्या बदलेगा?
सिर्फ EVs और CNG गाड़ियों पर ही नहीं, बल्कि construction activities में इस्तेमाल होने वाले वाहनों पर भी 7% टैक्स लगाने का प्रस्ताव है। इससे राज्य को करीब 180 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होगी। इसके अलावा, 7,500 किलो तक वजन ढोने वाले लाइट गुड्स व्हीकल्स (LGVs) पर भी 7% टैक्स लगाया गया है, जिससे सरकार को 625 करोड़ रुपये की कमाई होगी। Fadnavis on EV
मोटर व्हीकल टैक्स की अधिकतम सीमा बढ़ी
सरकार ने मोटर व्हीकल टैक्स की अधिकतम सीमा 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दी है। इस कदम से सरकारी खजाने में 170 करोड़ रुपये का अतिरिक्त रेवेन्यू आने की उम्मीद है। इससे साफ जाहिर होता है कि Maharashtra सरकार गाड़ियों से जुड़े टैक्स बढ़ाकर अपने राजस्व को मजबूत करना चाहती है। Fadnavis on EV
क्या EVs खरीदने वालों को होगा नुकसान?
यह टैक्स मुख्य रूप से premium electric cars पर लागू होगा, जैसे कि Tesla Model Y, BMW iX, Audi e-tron जैसी लग्जरी EVs। हालांकि, जिन लोगों का बजट पहले से ही 30 लाख रुपये से ज्यादा का है, उनके लिए यह 6% टैक्स शायद ज्यादा मायने न रखे। लेकिन जो लोग महंगी EVs खरीदने की सोच रहे थे, उन्हें अब अपनी जेब और गहरी करनी होगी। Fadnavis on EV
EVs को लेकर सरकारें आमतौर पर सब्सिडी और छूट देने की कोशिश करती हैं, लेकिन Maharashtra में 30 लाख से ज्यादा की EVs पर 6% टैक्स लगाना इस ट्रेंड से अलग कदम है। इसका असर उन खरीदारों पर ज्यादा होगा, जो लग्जरी EVs की तरफ शिफ्ट हो रहे थे। सरकार की मंशा भले ही रेवेन्यू बढ़ाने की हो, लेकिन कहीं न कहीं यह फैसला EVs की बढ़ती लोकप्रियता पर ब्रेक लगा सकता है। अब देखना होगा कि आने वाले समय में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री और ग्राहक इस फैसले को कैसे लेते हैं!