Electric Car vs Hybrid Car : इलेक्ट्रिक गाड़ियों का क्रेज़ तो बढ़ रहा है, लेकिन असली बाज़ी मार रही हैं Hybrid Cars! जब हर तरफ इलेक्ट्रिक कारों की धूम मची हो, तो ये सवाल उठना लाज़मी है कि आखिर लोग Hybrid Cars को क्यों चुन रहे हैं? पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और EV चार्जिंग की झंझट से बचने के लिए क्या Hybrid Cars एक स्मार्ट ऑप्शन बन गई हैं? आइए जानते हैं इसकी पूरी कहानी।
Electric Car vs Hybrid Car
Hybrid Car क्यों बनी लोगों की पसंद?
भारत में इलेक्ट्रिक कारों की मांग लगातार बढ़ रही है, लेकिन इसके बावजूद Hybrid Cars की बिक्री में जबरदस्त उछाल आया है। कंपनियां भी इसे समझ चुकी हैं और लगातार नए Hybrid मॉडल बाजार में उतार रही हैं। Hybrid कारें असल में पेट्रोल इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर का मिश्रण होती हैं, जिससे ये शानदार माइलेज देने के साथ-साथ बेहतरीन परफॉर्मेंस भी देती हैं। Electric Car vs Hybrid Car
Hybrid, Electric और पेट्रोल कार में क्या फर्क है?
आज मार्केट में तीन तरह की गाड़ियां मिलती हैं। पहली – पेट्रोल और डीजल कारें, जो पुराने जमाने से चली आ रही हैं। दूसरी – Electric Cars, जो बैटरी से चार्ज होकर चलती हैं। और तीसरी – Hybrid Cars, जो पेट्रोल इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर दोनों का इस्तेमाल करती हैं। ये कारें चलते वक्त खुद ही बैटरी चार्ज कर लेती हैं, जिससे बेहतर माइलेज और कम ईंधन खर्च होता है। Electric Car vs Hybrid Car
Hybrid Cars के प्रकार
Hybrid Cars तीन तरह की होती हैं – Mild Hybrid, Strong Hybrid और Plug-in Hybrid।
Mild Hybrid कारों में छोटी बैटरी होती है, जो कार के माइलेज को थोड़ा बढ़ा देती है। Strong Hybrid कारें ज्यादा बड़ी बैटरी और मोटर के साथ आती हैं, जिससे ये पेट्रोल की खपत को काफी कम कर देती हैं। वहीं, Plug-in Hybrid कारों में चार्जिंग का ऑप्शन मिलता है, जिससे इन्हें इलेक्ट्रिक कार की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
बिक्री के आंकड़े क्या कहते हैं?
JATO Dynamics की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री 1,13,441 यूनिट तक पहुंच गई, जो 2023 में 95,859 यूनिट थी। लेकिन खास बात ये है कि Hybrid Cars की बिक्री भी तेजी से बढ़ी है। 2023 में जहां 87,519 Hybrid Cars बिकी थीं, वहीं 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 1,03,252 यूनिट हो गया।
Hybrid Cars क्यों हैं बेहतर ऑप्शन?
Hybrid Cars को पसंद करने के पीछे कई वजहें हैं। सबसे बड़ी दिक्कत भारत में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की है। लंबी यात्रा के दौरान चार्जिंग स्टेशन ढूंढना मुश्किल हो जाता है। वहीं, Electric Cars की रेंज भी फिलहाल सीमित है और जिनकी रेंज ज्यादा है, उनकी कीमत भी आसमान छू रही है। दूसरी ओर, Hybrid Cars बिना किसी चार्जिंग झंझट के ज्यादा माइलेज देती हैं और पेट्रोल-डीजल की तुलना में ईंधन की खपत भी कम होती है। यही वजह है कि भारतीय ग्राहक Hybrid Cars को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं।
तो क्या Hybrid Cars ही भविष्य हैं?
Electric Cars आने वाले समय की हकीकत हैं, लेकिन जब तक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह विकसित नहीं हो जाता, तब तक Hybrid Cars ही बेस्ट ऑप्शन साबित हो रही हैं। पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच Hybrid Cars लोगों को एक बेहतरीन बैलेंस देती हैं – बिना रेंज की टेंशन और बिना चार्जिंग की झंझट के! तो क्या अगली बार कार खरीदते वक्त आप भी Hybrid की चुनेंगे?