Ola Scooter Seized : Mumbai के बाद Pune में भी Ola Electric पर गिरी गाज़, 36 स्कूटर्स जब्त! janie  kya hai pura mamla 

Ola Scooter Seized : Ola Electric के लिए मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले मुंबई में कार्रवाई हुई और अब पुणे में भी RTO की सख्ती ने कंपनी के लिए नई परेशानी खड़ी कर दी है। सरकार का आरोप है कि Ola Electric बिना सही दस्तावेजों के अपने स्टोर्स चला रही थी, जिसके चलते अब अधिकारियों ने 36 स्कूटर्स को जब्त कर लिया है। इलेक्ट्रिक स्कूटर्स की तेजी से बढ़ती मांग के बीच इस तरह की कार्रवाई ने बाजार में हलचल मचा दी है।

Ola Scooter Seized

क्यों हुआ Ola Electric पर ये शिकंजा?

महाराष्ट्र सरकार ने Ola Electric के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई शुरू की है। आरोप है कि कंपनी महाराष्ट्र में अपने शोरूम और सर्विस सेंटर बिना उचित ट्रेड सर्टिफिकेट के चला रही थी, जो कानून के खिलाफ है। इस मामले में पांच क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (RTOs) ने मुंबई और पुणे में Ola Electric के 26 स्टोर्स की जांच की। जांच के दौरान पता चला कि Ola Electric केवल एक ही ट्रेड सर्टिफिकेट का इस्तेमाल कर पूरे राज्य में अपने आउटलेट्स चला रही थी, जो कि नियमों का उल्लंघन है। इसी वजह से प्रशासन ने 36 इलेक्ट्रिक स्कूटर्स जब्त कर लिए। Ola Scooter Seized

शिकायत के बाद तेज हुई कार्रवाई

यह पूरा मामला तब गर्माया जब Pritpal Singh and Associates नाम की एक गुरुग्राम स्थित फर्म ने Ola Electric के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत में आरोप लगाया गया कि कंपनी ने महाराष्ट्र में अपने आउटलेट्स खोलने के लिए सिर्फ एक ट्रेड सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किया, जो कि नियमों के अनुरूप नहीं है। Ola Scooter Seized

जांच रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर Ravi Gaekwad ने इन आरोपों की पुष्टि की है। महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री Pratap Sarnaik ने इस शिकायत पर तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए और रिपोर्ट मांगी। इसके बाद मुंबई के चार और पुणे के एक RTO ने Ola Electric के स्टोर्स की जांच की।

कानून क्या कहता है?

मोटर व्हीकल्स एक्ट 1988 और मोटर व्हीकल्स रूल्स 1989 के तहत, किसी भी वाहन निर्माता या वितरक को बिजनेस सर्टिफिकेट लेना जरूरी होता है। खासतौर पर Rule 35 के अनुसार, हर शोरूम, डीलरशिप या बिक्री केंद्र के लिए अलग से ट्रेड सर्टिफिकेट लेना आवश्यक होता है। नियमों का पालन न करने पर Section 192 के तहत सख्त कार्रवाई की जा सकती है। Ola Scooter Seized

पहले से संकट में चल रही Ola Electric

Ola Electric पहले से ही वित्तीय और कानूनी संकटों से गुजर रही है। कुछ दिनों पहले Rosmerta Digital Services Pvt Ltd और Rosmerta Safety Systems Pvt Ltd ने कंपनी के खिलाफ 25 करोड़ रुपये की बकाया राशि को लेकर NCLT (National Company Law Tribunal) में दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की याचिका दायर की थी। इन कंपनियों का काम Ola Electric स्कूटर्स के लिए वाहन रजिस्ट्रेशन प्रोसेसिंग और हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट्स बनाना था। Ola Scooter Seized

कंपनी ने अब तक केवल एक याचिका की जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को दी है, जबकि असल में दो याचिकाएं दायर की गई हैं। यह मामला पहले से ही चर्चा में था और अब RTO की इस कार्रवाई ने Ola Electric की परेशानियों को और बढ़ा दिया है।

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क्या Ola Electric के बिक्री आंकड़े भी फर्जी?

कंपनी पर पहले भी अपने बिक्री आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने के आरोप लग चुके हैं। फरवरी में Ola Electric ने दावा किया था कि उसने 25,000 इलेक्ट्रिक स्कूटर्स बेचे, लेकिन वाहन पंजीकरण डेटा कुछ और ही कहानी बता रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, Ola Electric ने जो संख्या बताई, उसमें से सिर्फ एक-तिहाई स्कूटर्स ही वास्तव में रजिस्टर्ड हुए। इससे कंपनी की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। Ola Scooter Seized

Ola Scooter Seized
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अब Ola Electric के लिए आगे क्या?

यह ताजा मामला Ola Electric की मुश्किलें और बढ़ा सकता है। महाराष्ट्र सरकार की सख्ती से अब यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या बाकी राज्यों में भी इसी तरह की कार्रवाई होगी? अगर अन्य राज्यों के परिवहन विभाग भी Ola Electric की जांच शुरू करते हैं, तो कंपनी को बड़े झटके लग सकते हैं।

अब देखने वाली बात यह होगी कि Ola Electric इस संकट से कैसे निकलती है। क्या कंपनी अपने ऑपरेशन को कानून के हिसाब से ठीक करेगी या फिर किसी और कानूनी पचड़े में फंस जाएगी? इलेक्ट्रिक स्कूटर के बाजार में Ola Electric की पकड़ मजबूत है, लेकिन अगर इस तरह की दिक्कतें बनी रहीं, तो कंपनी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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