Commercial Vehicle Safety Guidelines : अब कार ही नहीं, कमर्शियल गाड़ियां भी होंगी ज्यादा सेफ! सरकार ने किया बड़ा ऐलान

Commercial Vehicle Safety Guidelines : Commercial Vehicle Safety Guidelines : सड़क पर दौड़ती बड़ी-बड़ी बसें और ट्रक अब और ज्यादा सुरक्षित होने वाले हैं। सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिससे कमर्शियल वाहनों में सेफ्टी फीचर्स का जबरदस्त तड़का लगेगा। अब तक कारों के लिए ही सख्त सुरक्षा नियम थे, लेकिन अब कमर्शियल व्हीकल्स में भी वही सेफ्टी स्टैंडर्ड लागू होंगे, जिससे हादसों में कमी आएगी और सफर ज्यादा सुरक्षित बनेगा।

Commercial Vehicle Safety Guidelines

कमर्शियल वाहनों की सेफ्टी पर सरकार का बड़ा फैसला

भारत में कारों की सुरक्षा को लेकर कई अहम कदम उठाए जा चुके हैं, लेकिन अब सरकार ने कमर्शियल वाहनों की सेफ्टी को भी प्राथमिकता दी है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक नया नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसके तहत बसों और लाइट कमर्शियल व्हीकल्स में नए सेफ्टी फीचर्स जोड़े जाएंगे। सरकार का कहना है कि इन बदलावों से दुर्घटनाओं में कमी आएगी और ड्राइवर से लेकर पैसेंजर्स तक सभी को बेहतर सुरक्षा मिलेगी।

अप्रैल 2026 से ABS अनिवार्य

सरकार के नए नियमों के तहत 1 अप्रैल 2026 से सभी गाड़ियों में ABS (एंटीलॉक ब्रेकिंग सिस्टम) अनिवार्य कर दिया जाएगा। यानी अब बिना ABS के कोई भी कमर्शियल गाड़ी बाजार में नहीं आ पाएगी। यह फीचर खासतौर पर ब्रेकिंग के दौरान गाड़ी को फिसलने से बचाने में मदद करेगा, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी।

EBS टेस्ट भी होगा जरूरी

यही नहीं, सभी कमर्शियल वाहनों के लिए Endurance Braking System (EBS) टेस्ट भी अनिवार्य कर दिया गया है। N2 कैटेगरी की मालवाहक गाड़ियों में ABS जरूरी होगा, जबकि M2, M3, N2 और N3 कैटेगरी की गाड़ियों में Vehicle Stability Function और EBS को भी अनिवार्य किया गया है। इससे ये गाड़ियां सड़क पर ज्यादा बैलेंस्ड और सुरक्षित होंगी।

अक्टूबर 2026 से नए नियम होंगे लागू

सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि 1 अक्टूबर 2026 से बिना इन सेफ्टी फीचर्स के कोई भी कमर्शियल व्हीकल सड़क पर नहीं चल पाएगा। यानी कंपनियों को अपनी गाड़ियों को इन फीचर्स से लैस करना ही होगा, वरना उनका उत्पादन और बिक्री संभव नहीं होगी।

कमर्शियल गाड़ियों की सेफ्टी क्यों है जरूरी?

भारत में होने वाले सड़क हादसों में ट्रकों, बसों और अन्य भारी वाहनों की बड़ी भूमिका रहती है। अक्सर ब्रेक फेल होने या गाड़ी का बैलेंस बिगड़ने के कारण बड़ी दुर्घटनाएं होती हैं। ABS, EBS और अन्य सेफ्टी फीचर्स से इन गाड़ियों को ज्यादा स्थिर और कंट्रोल में रखा जा सकेगा, जिससे एक्सीडेंट्स को रोका जा सकता है।

क्या इससे गाड़ियां महंगी होंगी?

जब भी नए सेफ्टी फीचर्स जोड़े जाते हैं, तो जाहिर है कि उनका असर कीमतों पर भी पड़ता है। माना जा रहा है कि इन नए नियमों के कारण बसों और ट्रकों की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, लॉन्ग टर्म में यह बदलाव जरूरी है क्योंकि इससे दुर्घटनाओं में कमी आएगी, लोगों की जान बचेगी और ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री को भी फायदा होगा।

सड़क सुरक्षा पर सरकार का बड़ा कदम!

भारत में सड़क सुरक्षा को लेकर लगातार बड़े बदलाव हो रहे हैं। पहले कारों के लिए 6 एयरबैग्स अनिवार्य किए गए, फिर क्रैश टेस्ट रेटिंग्स को अनिवार्य किया गया और अब कमर्शियल व्हीकल्स के लिए ABS और EBS को अनिवार्य किया गया। यह सभी कदम सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और सफर को सुरक्षित बनाने के लिए उठाए जा रहे हैं।

अब सवाल यह है कि ऑटोमोबाइल कंपनियां इन नए नियमों को लेकर कितनी तेजी से तैयारी करती हैं और मार्केट में कैसे बदलाव देखने को मिलते हैं। लेकिन इतना तय है कि आने वाले सालों में भारतीय सड़कों पर दौड़ने वाले भारी वाहन पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित होंगे!

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